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इन लव विथ बिलियनेयर( कॉन्ट्रैक्ट मैरिज ) (भाग-19)





पिछले भाग में आपने पढ़ा था कि ऋषभ और अवनी सो जाते है तो रात के 12 बजे ही कोई जोर जोर से दरवाजे पर नॉक करता है ... वो दोनों हड़बड़ा कर उठ जाते है और एक दूसरे को देखने लगते है ..........

अब आगे ,

अवनी - कौन होगा इतनी रात में ?
ऋषभ - पता नहीं.......

(ऋषभ फिर बेड से उठता है और पीछे से अवनी भी जैसे ही वो दरवाजा खोलता है ..एक आवाज आती है -

हा हा हा हा हा 👻👻 आज मै तुम दोनों को खा जाऊंगा .....

( अवनी आवाज सुनकर ऋषभ के पीछे से झांकती है तो उसके प्राण ही सुख जाते है ...वो डरते हुए ऋषभ का हाथ पकड़ कर कहती है ,
अवनी - ऋषभ जी भूत ....

ऋषभ -( पीछे मुड़कर  ) मै भूत ?
(अवनी भागकर बेड पर बैठ जाती है और कंबल ओढ़कर कहती है ...

अवनी -
जय हनुमान ज्ञान गुण सागर 

भूत - (डरते हुए ) नहीं नहीं

अवनी - अरे  मेरे प्यारे भूत मामा 
हमको छोड़ सब ले जाना 
किचन मे जाओगे तो मिल जाएगा खाना
और ऋषभ जी का ले जाना पैजामा 

(ऋषभ ये सुन अजीब सा ही फेस बनाता है पर उसे गुस्सा आ रहा होता है की कोई बिना परमिशन के उसके कमरे में कैसे आ गया और जब अवनी को देखता है तो उसकी हंसी अनजाने में ही छुट जाती है पर वो वापस शांत हो जाता है तो वो कहती है  )

अवनी -( गुस्से में घूरते हुए) आपको हंसी आ रही है ...
(भूत से कहती है )
अवनी - मुझे  मत खाना ये सामने ऋषभ जी  खड़े है ना इन्हे ले जाइए ..... ...(ऋषभ उसे गुस्से देखने लगता है .की तभी  वो भूत धीरे धीरे रूम मे घुस जाता है चाकू लेकर... और कहता है,

भूत - मुझे ये खडूस ऋषभ को नहीं खाना 
(हा हा  हा हा )मै ( अवनी से ) तुम्हे खाने आया हूं 👻

अवनी - ( डरते हुए )ऋषभ जी 
(वही ऋषभ कुछ पल तक उस भूत को देखता है और पीछे से आकार चटाक से भूत के सिर पर मारता है तो आवाज आती है ,)

भूत - ( आह )ओय सपेरे मारा क्यों ?
अवनी -( हैरानी से ) सपेरे ....
ऋषभ - जी ये आनंद है 

( जी नहीं .... भूत अपना कपड़ा निकालता है और कहता है मै आनंद नहीं विहान हू भाई जान ......वही अवनी उसे गुस्से में घूरने लगती है तो वो कहता है , )

विहान - ( अवनी को फूलो का गुलदस्ता देते हुए ) हैप्पी बर्थडे ( आनंद बीच मे आकर ) हमारी प्यारी  भाभी  जान को .......

( अवनी उन दोनों को हैरानी से देखने लगती है और कहती है ,)
अवनी -  ( हकलाकर ) आप ...लो.. गो को किसने ... बताया कि मेरा जन्मदिन है ...
आनंद - अपुन जासूस है भाभी जान कुछ भी पता कर सकता है 
विहान -( हंसते हुए ) हां पर अपने जग के बारे में कुछ नहीं पता कर सकता है..
आनंद -( विहान को घूरते हुए ) ज्यादा ना बोलो वरना टविंकी को जल्दी घर भिजवा दूंगा ....

( विहान मुंह पर उंगली रखकर साइलेंट हो जाता है , फिर अवनी कहती है )

अवनी - थैंक्यू सो मच आप लोगो का देवर जी ...
आनंद - भाभी अभी चलिए हमारे साथ बाहर ..
अवनी -( हैरानी से ) अरे इतनी रात में कौनसा रेस्टोरेंट खुला होगा जो मै आप लोगो के साथ चलू ??
आनंद - ऋषभ भोजनालय

( ऋषभ ..आनंद को देखने लगता है )

आनंद - ( मजाक में ) ओह हो भाई कितनी बार कहना पड़ेगा कि आप ऐसे मत घुरा करो भाभी को ...वरना वो भूत से तो नहीं पर आप जैसे भेड़िए से पक्का डर जाएंगी ....

ऋषभ - तुम ये रोज रोज क्या नए नाम देते रहते हो ...

आनंद - वहीं जो आप पर सूट करता है ..ही ही ,..( अवनी से ) भाभी आप  आइए ना........अवनी फिर आनंद के साथ रूम से बाहर चली जाती है और जैसे ही डोर पर पहुंचती है वहीं रुक जाती है और मुड़ कर ऋषभ को देखती है जो सीढ़ियों पर खड़ा होता है .......
आनंद - क्या हुआ भाभी ?
( अवनी कुछ नहीं कहती है तो आनंद ...ऋषभ से कहता है ओय भाई हम बाहर गार्डन में है  आप भाभी लो लेकर आ
जाइए ....( आंख मारकर ) अपने अंदाज में .....
अवनी - क्या ???

(आनंद बाहर चला जाता है और ऋषभ सीढ़ियों से उतरकर गेट के पास आता है तो कहता है आप यहां क्यों रुक गई )
अवनी - आपका रूल  नो .० 2 फ़ॉलो कर रही मै ...
ऋषभ - ओह 

( इसे पहले अवनी कुछ कहती ऋषभ उसे अपनी गोद में उठा लेता है तो अवनी कहती है )

अवनी - ये क्या ??? 
ऋषभ - ( मुस्कुराते हुए ) मेरा अंदाज ..
अवनी - आपके अंदाज को  तो मै गोली मारू ..........
(तभी विहान कहता है )
विहान - भाभी मै 🔫 लेकर आता हूं फिर .......
ऋषभ - (चिल्ला कर आनंद से ) आनंद .... टविंकि को बोलो कि जल्दी अपने घर चली जाए ....

(तभी टविंकि बीच में आकर कहती है )

टविंकि - मुझे किसी ने बुलाया क्या ??
विहान - ( टविंकि का हाथ पकड़कर ) हां मैंने बुलाया ...अब चलिए ...

( उन दोनों के जाने के बाद अवनी गोद से उतर जाती है और गार्डन मे  जाती है तो देखती है कि पूरा गार्डन ही सजा होता है लाइट्स से .........और पेड़ के पास टेबल - चेयर लगी हुई है ,

अवनी - ये बहुत ज्यादा ही खूबसूरत लग रहा है 
आनंद - भाभी जान ये सारी डेकोरेशन आपके आशिक ने करवाया है .......
अवनी - क्या मतलब ? कौनसा आशिक ...

( ऋषभ ...अवनी की तरफ देखने लगता है )

आनंद - ओह हो मेरा मतलब है आपके पतिदेव ने ...
.(ऋषभ से ) पतिदेव इधर ... सॉरी मतलब भाई जरा यहां आना ....
ऋषभ - क्यों ?
आनंद - ज्यादा सवाल जवाब ना करो इधर आओ ....

( ऋषभ फिर आनंद के साथ सभी से थोड़ी दूर चला जाता है और अवनी ...विहान , खुशी , टविंकि के साथ बाते करने लगती है ,)
खुशी - सही है यार तू भी पति क्या मिला दोस्त को ही भूल गई 
ट्विंकी - वैसे सच बोल रही है खुशी ... एक बार कॉल भी नहीं किया ....
विहान - बस बस मेरी भाभी की शिकायत बंद करो ....
ट्विंकी - ( विहान का गाल नोचते हुए ) अच्छा जी भाभी के गुलाम बन गए 
खुशी - ( विहान की पीठ पर थपाक से मारते हुए ) नहीं .. बिबी के गुलाम ..क्यों सही कहा ना ??
अवनी - गुलाम तो मै बन गई हूं .....
खुशी - ( शॉक होकर) क्या ...तू किसकी गुलाम बनी है ?
अवनी - अरे किसी की नहीं 
खुशी - ओय होय जीजू के प्यार कि गुलाम बन गई हो..
(खुशी फिर अवनी को चिटिया काटने लगती है तो वो खुद को बचाते हुए जोर से हंसने लगती है )

दूसरी तरफ ♥️


आनंद कुछ कह पाता उससे पहले ही ऋषभ उससे पूछता है ,
ऋषभ - ये जो तुमने अवनी जी से कहा वो क्या था ?
आनंद - ( चॉकलेट खाते हुए) क्या कहा मैंने ?
ऋषभ - यही की ये सारी डेकोरेशन मैंने कराई है ....
आनंद  - ओह हो भाई ....कब समझ आएगा आपको ( चॉकलेट खाते हुए ) उफ्फ  ये सब ..... जरा भाभी को तो देखो कितनी खुश है वो..... स्पेशली तब हुई जब मैंने कहा कि ये सब आपने करवाया है ....

ऋषभ  - ( अवनी की तरफ देखते हुए ) पर तुम्हे किसने  बताया कि आज अवनी जी का बर्थडे है और  तुमने मुझे क्यों नहीं बताया इसके बारे में ....??
आनंद - ( मुस्कुराते हुए ) अले मेरे भाई जान जरा अपना फोन चेक करियो  ( गुस्से में )30 से ज्यादा मिस्डकॉल किया है .....ऐसा लग रहा था कि फोन को जुपिटर पर भेज रखा है ....और मुझे विवेक ने बताया  आज शाम को ही जब घर पहुंचा था  और आपके कुछ लोग भी शामिल है हमारे साथ ।
ऋषभ - क्या मतलब ? कौन लोग 
आनंद - मेरा मतलब आपकी असिस्टेंट लिली , कुक और कुछ नौकर ..…...
ऋषभ - तो उन लोगो ने मुझे क्यों कुछ नहीं बताया ?
आनंद - (हंसते हुए ) शायद आपसे डरते है सब ......
और भाई ये सब आपने करवाया है ठीक है याद रखना और अब चलो और हां अब आपको भाभी के लिए एक सोंग गाना होगा ......
ऋषभ - नहीं 
आनंद -( चिल्ला कर ,) अरे दोस्तो तुम लोगो को पता है भाई अपने कॉलेज में बेस्ट गिटारिस्ट प्लस सिंगर भी थे ......
विहान - ओय आनंद क्यों मजाक कर रहा है और वैसे  भी अगर भाई ने गाना गाया ना तो आज भेड़ियों से पक्का मुलाकात होगी ....
आनंद -( ओं माइ गॉड ऋषभ से ,)  भाई आपका मजाक बन रहा है ...

( ऋषभ ये सुन ....इशारों से ही नौकर को गिटार लाने के लिए कहता है और जाकर चेयर पर बैठ जाता है )
खुशी - जीजू आपको सच मे गाना आता है ना .....
आनंद - भाई ना भाभी के लिए गाना गाने जा रहे  ....है ना भाई ?

(ऋषभ कोई जवाब नहीं देता है और गिटार लेकर गाना शुरू कर देता है )

ऋषभ -   
आई फील लव व्हेन आई लुक इंटो योर आईस
आई बिलीव इफ यू मूव आउट ऑफ़ फ्रॉम माइ साइट
आई विल बी लूसिंग ,  आई विल बी लूसिंग ,  
ग्रीप ऑन यूं  , ग्रीप ऑन यूं 

(सब उसे बहुत शांति से सुन रहे होते है )

देखो करीब से मिले हैं नसीब से 
आएगा पल ये फिर कहाँ 
आज अचानक तुमसे मिले हम
ये तो नहीं है बेवजह 
पुछो ज़रा इस दिल से हम हैं
मिले मुश्किल से कल फिर ना हम जो यहाँ

इतना सुनते ही अवनी उठकर ...ऋषभ को कसकर गले लगा लेती है तो ऋषभ के हाथ से गिटार छूट जाता है और पीछे से सब हूटिंग करने लगते है .........
विहान -( शर्माते हुए )  खिसक लो यहां से दोस्तो ...
ट्विंकी - अरे आप क्यों इतने शर्मा रहे है 

(सब वहां से भाग कर गार्डन के दूसरी साइड पर चले जाते है । यहां ऋषभ मन में सोचता  है ( ये दूसरी बार है जब आप मुझे खुद गले लगा रही है ) ...तभी अवनी कहती है ,

अवनी - थैंक्यू सो मच ऋषभ जी......आज से पहले मेरा बर्थडे ऐसे किसी ने नहीं सेलिब्रेट किया था.....आप सच मे बहुत अच्छे है......
( ऋषभ भी अवनी को( हल्की सी मुस्कुराहट के साथ ) गले लगा लेता है पर अगले ही पल  उसे कुछ याद आ जाता है तो वो थोड़े झटके से हाथ ढीला करके कहता है ,
ऋषभ - चलिए केक कट कर लीजिए ...
अवनी - ( ऋषभ को छोड़ते हुए ) हां ...
ऋषभ - ( इधर - उधर देखता है )  कहा गए सब ??
आनंद - भाई हम यहां है ...

( सब आ जाते है तो अवनी केक कट करने के लिए टेबल के पास आ जाती है ,



अवनी फिर केक कट करती है तो सब बर्थडे सोंग गाते है और अवनी सबसे पहले ऋषभ ..उसके बाद सबको केक खिलाती है .........
अवनी - ( ऋषभ से  ) ऋषभ जी एक बात तबसे परेशान कर रही है ?
आनंद ( बीच में ही बोलता है )
क्या भाभी ?

अवनी - यही की  ऋषभ जी का  ये सारा प्लान था तो उन्होंने विहान जी को क्यों मारा ......

(सब एक दूसरे की तरफ देखने लगते है तो आनंद कहता है )
आनंद - ओह भाभी ...बात ये है कि हमने ऋषभ भाई को कहा था कि वो आपके सामने नाटक करे ....
अवनी - अच्छा......
आनंद - जी 

( सेलिब्रेशन के बाद सब लोग एक दूसरे के गले मिलते है और कार में बैठकर चले जाते है , इधर ...ऋषभ - अवनी भी कमरे के अंदर आ जाते है और नौकर बाहर से सारा सामन अंदर कर लेता है .......रात के 2 बज गए होते है ....अवनी टाइम देखती है ,)
अवनी - ( ऋषभ से ) इतना टाइम हो गया पता भी नहीं चला ...
(कोई जवाब नहीं आता वो मुड़कर देखती है तो ऋषभ बेड पर सोया हुआ है )
अवनी  मुस्कुराकर बेड पर जाती है और ऋषभ के गाल पर हाथ फेरती हैं और  सो जाती है .....वही अवनी के सोने के बाद ऋषभ आंखे खोलता है और बैठ कर उसे  देखने लगता है....और फिर आनंद को कॉल करता है ,
ऋषभ - घर पहुंच गए ?
आनंद - नहीं भाई ...बस खुशी जी को छोड़कर निकल रहे है ,...
ऋषभ - ठीक है ....कल ऑफिस आकर मिलना कुछ जरूरी बात करनी है ...
आनंद - ठीक है भाई ...
( ऋषभ फिर कॉल कट करके लाइट आफ करता है और सो जाता है )


♥️♥️♥️♥️♥️♥️
अगली सुबह सूरज की पहली किरण के साथ अवनी की आंख खुलती है और अंगड़ाई लेकर  दूसरी साइड देखती है कि ऋषभ नहीं है बेड पर ....
अवनी - सही है आज फिर तू लेट उठी ...
( तभी लिली दरवाजा खोलती है और कहती है ) 
लिली - गुड मॉर्निंग मैम .... हैप्पी बर्थडे ..
अवनी - थैंक्यू सो मच 
लिली - मैम अब आप जल्दी से तैयार हो जाइए और ये ड्रेसिंग टेबल के पास आपकी ड्रेस रखी है वो आप पहन लीजिएगा ....मास्टर ने कहा है ....
अवनी - ( ड्रेसिंग टेबल के पास देखती है ) ठीक है तुम जाओ ....
( लिली के जाने के बाद अवनी बेड से उठती है और फ्रेश होने के लिए वॉशरूम चली जाती है ........थोड़ी देर बाद सीढ़ियों से  उतरकर टेबल के पास आती है जहा  ऋषभ न्यूजपेपर पढ़ रहा होता है ........ ऋषभ ...अवनी की तरफ देखता है जिसने वहीं ड्रेस पहनी है जो ऋषभ ने चुनी थी   और बालो मे सफेद गुलाब भी ,
अवनी  - गुड मॉर्निंग ऋषभ जी ..
ऋषभ -  मॉर्निंग .....( कुक से ) ब्रेकफास्ट लाओ ..

( दोनों एक दूसरे के सामने बैठ जाते है और खाने लगते है ...तभी अवनी कहती है ,)
अवनी - ( मुस्कुराकर ) ऋषभ  जी 
ऋषभ - जी 
अवनी - आप ये घर के रूल्स हटा दीजिए ना ......मेरा दम घुटता है पूरे दिन घर में रहकर ...
ऋषभ - ( अवनी की तरफ देखकर ) नहीं ....

(अवनी गुस्से में ही घीरे से कहती है ( आप कभी अच्छे बन ही नहीं सकते ) ...और फिर फॉर्क को ही प्लेट मे प्रेस करने 
लगती है ( गुस्से में ऋषभ को देखते हुए) अचानक से वो प्लेट से फिसल जाता है और उड़कर ऋषभ के सर पर लग जाता है .......जिसे देखकर अवनी आंखे बड़ी कर लेती है और एक हाथ से फेस ढकते हुए टेबल के नीचे कर लेती है  और कहती है ,
अवनी - आज तो तू गई अवनी ....अब भगवान ही तूझे बचा सकते है ....
उधर . फार्क लगते ही ऋषभ खाना रोक लेता है जिसकी वजह से सारे डर जाते है तो वो फिर अपना सर पोछता औरअपनी सीट से उठकर अवनी के पास आकर खड़ा हो जाता है ,
ऋषभ - अवनी 
अवनी - ( सिर नीचे किए हुए ही ) सॉरी ऋषभ  जी वो गलती से ........
तभी ऋषभ उसका फेस ऊपर करता है और कहता है ,
ऋषभ - हैप्पी बर्थडे मिसेज कश्यप .....

( अवनी उसकी तरफ मुंह खुला करके  देखने लगती है ....ऋषभ फिर अपना बैग लेता है और  बाहर चला जाता है , तब लिली कहती है ,)

लिली - मैम आप ठीक है ना ?
अवनी - ( चेयर से उठ कर ) हां मै ठीक हूं ........
( इतना कहकर वो अपने रूम मे चली जाती है अपना फोन ढूंढ़ने पर उसे अपना मोबाइल कही नहीं मिलता है ,फिर वो रूम से बाहर आकर लिली से पूछती है ,)

अवनी - तुमने मेरा फोन देखा ?
लिली - ( हिचकिचाकर ) नहीं ....नहीं मैम 

(अवनी उसकी तरफ देखने लगती है शक की नजरो से फिर कहती है ,)
अवनी - ठीक है ........
लिली - मैम आप कहीं जा रही ?
अवनी - हां लाइब्रेरी मे ....
लिली - मै भी आ रही फिर .... सॉरी पर मास्टर ने कहा है हर पल आपके साथ रहने के लिए .....
अवनी -(खुद से ही) आई नो फोन तुमने ही रखा है लिली ...पर क्यों ???....ठीक है आ जाओ ।

( दोनों फिर सीढ़ियों से चढ़ते हुए 2 nd फ्लोर पर जाती है...उसके बाद 3 rd फ्लोर पर ......तब अवनी पूछतीं है )
अवनी - तुम कभी आईं हो क्या ?
लिली - नहीं ...रूल्स हमे भी मिले है उसके हिसाब से हम नहीं आते ....पर कुछ दिन पहले एक नौकर ने  इसी  फ्लोर के लेफ्ट साइड के कमरों में जाने कि कोशिश कि थी ....
अवनी - फिर क्या हुआ ??कौन था वो नौकर ...
लिली - मास्टर ने उसे बहुत डांट मारा था ...बहुत ज्यादा और फिर नौकरी से निकाल दिया ....

( अवनी हैरानी से उस रूम की तरफ देखने लगती है मन में सोचती है ( ऐसा क्या है इस रूम मे ) )

अवनी - चलो फिर लाइब्रेरी तो जा ही सकते है ..
लिली - हम्मम

( दोनों फिर लाइब्रेरी के सामने जाती है और जैसे ही डोर ओपन करती है वो ( चिड - चीड की आवाज से खुलता है ) और तभी लाइट चली जाती है और उसी समय घर में ट्रिंग ट्रिंग की आवाज सुनाई देती है....अवनी - लिली दोनों  एक साथ डर जाती है और हरबड़ा कर भागने लगती है ...और भागकर सीधे हॉल में पहुंच जाती है और अवनी हाफते हुए कहती है ,
अवनी - वो ..वो लाइब्रेरी कबसे बंद पड़ी है और लाइट कैसे गई ... और वो आवाज कैसी थी ??
लिली - नहीं पता मैम मुझे ....

( तभी फिर से ट्रिंग ट्रिंग की आवाज आती है जिससे वो मुड़कर आवाज की तरफ देखती है )

अवनी - ओह ये टेलीफोन कि आवाज है ...
(  अवनी ...... हांफते हुए फोन उठाती है और कहती हैं )
अवनी - हेल्लो कौन ?
ऋषभ - मै 
अवनी - कौन बकरी ??
ऋषभ - नहीं  आपका बकरा आप रेडी रहीए और लिली को भी बोल दीजिए ....... थोड़ी देर में मै घर पहुंच रहा .....
अवनी -  रेडी ? किसलिए ....कहा जाना है ?
ऋषभ - मॉम ने बुलाया है......
अवनी - क्यों  ....( ऋषभ फोन कट कर देता है )

  ( लिली पास आकर ) 

लिली - क्या हुआ मैम ..
अवनी - आपके मास्टर ने ऑर्डर दिया है रेडी होने के लिए ...
लिली - चलिए मै आपकी हेल्प कर दूंगी ...
अवनी - नहीं... तुम जाकर रेडी हो जाओ ......

( लिली ठीक है कहकर रेडी होने चली जाती है और अवनी 3 rd फ्लोर की तरफ देखकर कहती है ......जो भी सीक्रेट है पता करके रहूंगी ....फिर वो भी रेडी होने चली जाती है .....थोड़ी देर बाद ऋषभ भी आ जाता है और जैसे ही कमरे का डोर ओपन करता है तो अवनी हड़बड़ा कर उसकी तरफ देखने लगती  है और कहती है ,
अवनी - अरे आपको नॉक तो करके आना चाहिए था ..मुझे लगा कोई और है ..
ऋषभ - ( अवनी के करीब आकर ) और कौन हो सकता है ...
अवनी - ( ऋषभ को दूर करते हुए ) कोई नहीं ... मै बहुत खुश हूं क्योंकि आज  परी और विवेक से मिलूंगी....
ऋषभ - बहुत प्यार करते हो आप उनसे ..
अवनी - आपसे ज्यादा ....
ऋषभ - मतलब
अवनी - कुछ नहीं कुछ नहीं ...

( अवनी अपना चुनरी सर पर लगाती है रूम से बाहर निकलकर हॉल में चली आती है ...थोड़ी देर बाद ऋषभ भी तैयार होकर आ जाता है और पीछे से लिली भी ........ तीनों फिर सीट्स पर  बैठते और ऋषभ कार स्टार्ट कर देता है ......रास्ते में कोई कुछ नहीं कहता है .....आधे घंटे बाद सब  लोग मेंशन पहुंच जाते है .....
_______

ऋषभ फिर घर के सामने कार रोकता है और अवनी का हाथ पकड़कर मेन डोर के पास पहुंच जाता है ,

दूसरी तरफ आनंद ने अपनी विंडो से उन लोगो को आते हुए देख लिया होता है तो ...अपने रूम से निकलकर .. चिल्ला चिल्ला कर कहता है 
आनंद - मॉम ....भाभी आ गई 

( वो भागकर डोर ओपन कर देता है , जैसे ही अवनी ...अंदर जाने के लिए अपना कदम बढ़ाती  है ..

( निहारिका जी  पीछे से ही कहती है ,)

निहारिका जी - ( रुकने का इशारा करके 🖐️ ) बस वही रुक जाओ ........

ऋषभ , अवनी , आनंद ( निहारिका जी की तरफ हैरानी से देखने लगते है )

.........................................................

क्यों रोका निहारिका जी ने ??


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7 Comments

shweta soni

27-Jul-2022 06:43 AM

Nice 👍

Reply

Pamela

25-Jan-2022 07:14 PM

अब तक की कहानी काफी अच्छी जा रही हैं। हास्य के साथ काफी अच्छा तालमेल बैठाया है आपने कहानी में।

Reply

Karan

25-Jan-2022 01:05 PM

Very nice...

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